केसर इतना महंगा क्यों होता है इसका असल कारण आज मैं आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाला हु। अकसर लोगो के मन में सवाल आता है की केसर इतना महंगा क्यों होता है 1 किलो केसर की कीमत कितनी होती है। केसर एक खुशबूदार पौधा होता है जिसके फूलों से केसर निकाला जाता है। केसर को अंग्रेजी में Saffron और स्थानीय भाषा में जाफरान भी कहा जाता है।
केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक क्यों है?
खाने से लेकर पेय-पदार्थो और पूजा से लेकर मसालों तक में उपयोग किये जाने वाला केसर दुनिया का सबसे महँगा मसाला है। ऐसे में अधिकतर लोगो के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है की आखिर केसर इतना महंगा क्यूँ होता है। तो आपके जानकारी के लिए बता देना चाहता हु केसर दुनिया के सबसे कीमती मसालों में से एक है, जिसकी खुदरा कीमत 500 डॉलर प्रति औंस से अधिक है। यह इतना महंगा है क्योंकि यह एक अत्यंत श्रमसाध्य फसल है।
केसर के फूल को क्रोकस कहते है जिसके अंदर से केसर के धागे निकाले जाते है। हमारे देश में जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में केसर की खेती मुख्यता सितंबर से दिसंबर माह में ही की जाती है। पूरी दुनिया में केसर की खेती बहुत ही कम जगहों में की जाती है भारत की बात करें तो जम्मू के किश्तवाड़ और कश्मीर के पंपोर इलाके में केसर की खेती होती है। केसर की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है यही कारण है की देश के सुदूर उत्तरी-भाग में ही केसर की खेती की जाती है। भारत के इन इलाकों में केसर की बहुत ही ज्यादा पैदावार होती है।
1 किलो केसर की कीमत कितनी होती है?
केसर का उपयोग हमारे देश में विभिन कार्यो के लिए किया जाता है। हालांकि आप यह जानकार हैरान होंगे की वर्तमान समय में एक किलो केसर की कीमत 3 लाख से साढ़े 3 लाख रुपए तक है। केशर दुनिया में सबसे कीमती मसाले में से एक है।
केसर इतना महंगा क्यों है, ये है असल कारण
केसर के प्रतिकिलोग्राम की कीमत 3 लाख रुपए से साढ़े 3 लाख रुपए तक होती है ऐसे में आइये जानते है केसर इतना महंगा क्यों है :-
मानवीय श्रम की अधिकता-
केशर की खेती के लिए मशीनी सुविधा उपलब्ध नही है ऐसे में केशर के उत्पादन के लिए मानवीय श्रम का अधिक उपयोग होता है। केशर की खेती में मानव-श्रम की अधिक आवश्यकता होती है। केसर के फूल नाजुक होने के कारण इसे हाथों से अलग किया जाता है। वर्तमान में जहाँ हम खेती के लिए मशीनो का उपयोग करते है वही केसर उत्पादन में अभी भी केसर के फूलों को हाथ से ही निकालना पड़ता है।
फूलो का अल्प-जीवनकाल
केसर के फूल बहुत कम समय के लिए खिलते है ऐसे में इन्हे उसी दिन तोड़ना आवश्यक होता है यही कारण है की केसर महँगा होता है।
जलवायु
केसर की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है और इसकी खेती दुनिया में बहुत कम स्थानों पर की जाती है। यही कारण है की इसकी खेती बहुत कम क्षेत्रों में होती है इसलिए अधिक उत्पादन ना होने के कारण भी केसर महँगा होता है। भारत में भी इसकी खेती सिर्फ जम्मू-कश्मीर प्रदेश में ही की जाती है।
कम-उत्पादन
केसर के महंगे होने का सबसे प्रमुख कारण है केशर का कम उत्पादन है। केसर का जो फूल होता है उसे क्रोकस कहा जाता है। एक केसर के फूल से सिर्फ 3 ही धागे निकलते है ऐसे में 75,000 फूलों से केसर को इकठ्ठा करने पर सिर्फ 400 ग्राम केसर प्राप्त होता है। यही वजह है इसकी कम उत्पादन के चलते यह बहुत महंगा होता है।
केसर का क्या-क्या है उपयोग
केशर का उपयोग अनेकों तरह के खाद्य-पदार्थो में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मुख्यत खाने का स्वाद और जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग गरम-मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत में अनेकों धार्मिक रीति-रिवाजों में भी केसर का उपयोग किया जाता है। साथ ही विभिन प्रकार के ठन्डे-पेय पदार्थ जैसे दूध में भी केसर को मिलाकर पीया जाता है। साथ ही इसे हलवे के साथ फिनिशिंग के रूप में उपयोग करते है। केसर में आयुर्वेदिक गुणों भी पाए जाते है इसे इसे आयुर्वेद में स्वास्थ्यवर्धक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। केसर का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।
आखिरी शब्द:
इस लेख को पढ़ने के बाद अब तो आप समझ ही गए होंगे की केसर इतना महंगा क्यों होता है 1 किलो केसर की कीमत कितनी होती है? अगर इस लेख में बताई गई जानकारी से आपकी मदद हुई है तो आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।
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