22 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस है। यह दिन प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि भारतीय धर्म संस्कृति ने संस्कृत को ‘देव भाषा’ का दर्जा दिया गया है। संस्कृत भाषा को देववाणी कहते हैं अर्थात यह देवताओं की भाषा है।
भारत में भी विदेशी भाषाओं और अंग्रेजी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण संस्कृत पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। दिन-प्रतिदिन संस्कृत पढ़ने वाले, लिखने वाले और समझने वालों की संख्या कम होती जा रही है।
इसलिए भारतीय समाज अपनी संस्कृत की महत्ता और आवश्यकता को याद दिलाने और इसका महत्व बढ़ाने के लिए संस्कृत दिवस मनाते है। संस्कृत भारत की संस्कृति का एक विभिन्न अंग है, क्योंकि संस्कृत भाषा भारत में सदियों से चली आ रही है। इसीलिए इसे देवों की भाषा भी कहते हैं।
भारत की धार्मिक स्थिति भी संस्कृत भाषा पर आधारित है और हम सभी जानते है की भारत में वेदों व उपनिषदों की भाषा संस्कृत ही है यह प्राचीन इतिहास की सबसें समृद्ध भाषा है। संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा से ही सभी भाषाओं की उत्पत्ति हुई है।
प्राचीन समय से ही भारत में संस्कृत भाषा का चलन है। इसीलिए भारत के कथा, कहानियां, किस्से और सभी तरह के प्राचीन काव्य ग्रंथ भी संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। यह भाषा बहुत सी भाषा की जननी है, इसके बहुत से शब्दों के द्वारा अंग्रेजी के शब्द बने है।
आज के समय में लगभग संस्कृत भाषा लुप्त हो चुकी है, फिर भी भारत में ऐसे कुछ विश्वविद्यालय और कॉलेज है, जहा छात्रों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जा जाता है।
लेकिन आज वर्तमान समय में सभी लोग पश्चिमी संस्कृति और अंग्रेजी भाषा के पीछे भागते हैं। इसीलिए धर्म अध्यात्म तथा भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग संस्कृत भाषा अब लुप्त होने के कगार पर हैं।
लेकिन आपके जानकारी के लिए बता देना चाहता हु हमारे हिंदू धर्म में लिखे गए सभी ग्रंथ, काव्य ग्रंथ, पाठ, पूजा पद्धति, देवी देवताओं के मंत्र, उच्चारण, श्लोक इत्यादि सब कुछ संस्कृत भाषा में हैं।
संस्कृत भाषा के शब्द अपने आप में अत्यंत सुंदर और शुभम लगते हैं। संस्कृत भाषा के कर्णप्रिय ध्वनि लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। क्योंकि इसके शब्द और उच्चारण अत्यंत कोमल और सुगम्य है। संस्कृत भाषा दुनिया की सर्वोत्तम प्राचीन भाषा है।
संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है (Sanskrit Day Date 2022) –
भारतीय कैलेंडर के अनुसार संस्कृत दिवस सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. संस्कृत दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी. इस बार संस्कृत दिवस 12 अगस्त 2022 को है।
इस दिन लोग संस्कृत के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। संस्कृत में भाषण देते हैं। संस्कृत का महत्व जानते हैं तथा संस्कृत के अंतर्गत दोहे और श्लोक पढ़ते हैं।
आपके जानकारी के लिए बता देता हु रक्षाबंधन का त्यौहार भी सावन माह की पूर्णिमा को इसी दिन मनाया जाता है, इसका मतलब राखी और संस्कृत दिवस एक ही दिन होता है।
संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है?
संस्कृत भाषा वर्तमान समय में लगभग विलुप्त होती जा रही है। इसीलिए संस्कृत भाषा को याद रखने के लिए, संस्कृत भाषा को जागृत रखने के लिए, संस्कृत भाषा का महत्व जानने के लिए, संस्कृत दिवस मनाया जाता है।
संस्कृत दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है इसके मनाने का उद्देश्य यही है कि इस भाषा को और अधिक बढ़ावा मिले। इसे आम जनता के सामने लाया जाये, हमारी नयी पीढ़ी इस भाषा के बारे में जान सके, और इसके बारे में ज्ञान प्राप्त करे। संस्कृत भाषा दिवस भारतीय नागरिकों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
संस्कृत दिवस को विशेष रुप से विद्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षक और विद्यार्थी संस्कृत भाषा में भाषण देते हैं तथा संस्कृत के श्लोक बोलते हैं तथा संस्कृत भाषा का महत्व बतलाते है।
संस्कृत भाषा का इतिहास
संस्कृत भाषा का प्रचलन कितना प्राचीन है महापुराण, वेद, शिव पुराण, उपनिषद, कथाएं, अनेक तरह की धर्म से संबंधित जानकारी वाले हिंदू ग्रंथ सभी संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं। संस्कृत भाषा भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा है। बताया जा रहा है कि लगभग 4000 वर्ष पूर्व से ही भारत में संस्कृत भाषा का प्रचलन है।
संस्कृत दिवस का इतिहास संस्कृत भाषा के इतिहास से जुड़ा हुआ है। भारत में स्वतंत्रता के अंतर्गत आने वाले सभी तरह के धार्मिक ग्रंथ मंत्र उच्चारण वेद कथा उपन्यास कहानियां इतिहास इत्यादि संस्कृत भाषा के अंतर्गत लिखे गए हैं। इसके अलावा संस्कृत भाषा में ही 18 पुराण लिखे गए।
विशेष रुप से ऋषि मुनि, संत महात्मा और ज्ञानी लोग संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया करते थे। आपके जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया का सबसे प्राचीनतम और पहला ग्रंथ ऋग्वेद संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इसके अलावा भारत के प्राचीनतम संस्कृति सभ्यता के लोग जैसे हिंदू, बौद्ध, जैन इत्यादि धर्म में सभी तरह के धर्म ग्रंथ और पुस्तकों में संस्कृत भाषा का उपयोग किया गया है।
संस्कृत भाषा का महत्व
संस्कृत भाषा भारत की सर्वोत्तम प्राचीन भाषा है, जिसका इतिहास लगभग 4000 से भी अधिक वर्षों पुराना बताया जा रहा है। यह ऐसी कुंजी है, जो हमारे प्राचीन ग्रंथों में और हमारे धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं के असंख्य रहस्यों को जानने में मदद करती है। संस्कृत के अध्ययन से, विशेष रूप से वैदिक संस्कृत के अध्ययन से हमें मानव इतिहास के बारे में समझने और जानने का मौका मिलता है, और ये प्राचीन सभ्यता को रोशन करने के लिए भी सक्षम है।
संस्कृत भाषा के कारण ही विश्व में भारत का समृद्धशाली इतिहास रहा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार संस्कृत भाषा को हमारे यहां देववाणी भाषा कहा जाता है। संस्कृत भाषा से ही अन्य भाषाओं की उत्पत्ति हुई है आज के समय में विदेशों में संस्कृत संस्कृत भाषा को अधिक महत्व और बढ़ावा दिया जा रहा है।
भारत के इतिहास में भारत का शास्त्रीय संगीत और भारत का साहित्य संस्कृत भाषा में लिखा गया है। शास्त्रीय संगीत के दौरान संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा भारत के ऋषि मुनि धर्मगुरु तपस्वी तथा धर्म से संबंधित लोग संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते थे।
संस्कृत भाषा से जुड़े रोचक तथ्य
1. संस्कृत भाषा को देववाणी और सुर भारती के नाम से भी जानते हैं।
2. भारतीय धर्म संस्कृति ने संस्कृत को ‘देव भाषा’ का दर्जा दिया गया है।
3. संस्कृत भाषा भारत की सर्वोत्तम प्राचीन भाषा है, जिसका इतिहास लगभग 4000 से भी अधिक पुराना है।
4. भारत के सभी धर्म ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गए है।
5. संस्कृत दिवस का इतिहास संस्कृत भाषा के इतिहास से जुड़ा हुआ है।
6. प्राचीन समय से ही भारत में संस्कृत भाषा का चलन था।
7. संस्कृत को इंडो आर्यन परिवार की भाषा माना जाता है।
8. कंप्यूटर में गणना के लिए उपयोग किए गए Algorithms संस्कृत द्वारा ही बनाए गए हैं।
9. संस्कृत को आर्यों की भाषा माना जाता है जिन्होंने वैदिक सभ्यता की नींव रखी और मध्य एशिया से भारत में आए।
10. संस्कृत दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी।
11. भारत की धार्मिक स्थिति संस्कृत भाषा पर आधारित है।
12. संस्कृत भाषा वर्तमान समय में लगभग विलुप्त होती जा रही है।
13. संस्कृत भाषा को देववाणी कहते हैं अर्थात यह देवताओं की भाषा है।
14. संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा से ही सभी भाषाओं की उत्पत्ति हुई है।
15. संस्कृत भाषा का उदय हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद और वैदिक सभ्यता की शुरूआत से माना जाता है। वैदिक सभ्यता के ऋगवैदिक काल में संस्कृत भाषा का उदय हुआ।
FAQ: संस्कृत दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है?
संस्कृत भाषा की उत्पत्ति कब हुई?
संस्कृत भाषा का इतिहास लगभग 4000 वर्ष से भी अधिक पुराना है।
संस्कृत दिवस की शुरुआत कब हुई?
संस्कृत दिवस की स्थापना 1969 में हुई थी।
दुनिया का सबसे प्राचीनतम संस्कृत ग्रंथ कौन सा है?
ऋग वेद प्राचीनतम संस्कृत ग्रंथ है।
संस्कृत किसकी भाषा है?
संस्कृति आर्यों की भाषा है।
भारत के अलावा किन देशों में संस्कृत पढ़ाया जाता है?
भारत के अलावा मुख्य रूप से जर्मनी जापान और उत्तरी अमेरिका में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
भारत में ऐसा गांव जहां सब संस्कृत में बात करते हैं?
कर्नाटक के मत्तुर गांव में सभी लोग संस्कृत में बात करते हैं।
संस्कृत भाषा किस लिपि पर आधारित है?
देवनागरी लिपि पर संस्कृत भाषा आधारित है।
सारांश:
संस्कृत भाषा भारत की सबसे प्राचीनतम और सभ्यकालीन भाषा है। वर्तमान समय में संस्कृत भाषा लुप्त होने के कगार पर है। इसलिए संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए संस्कृत दिवस मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल में मैने आपको बताया संस्कृत दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है? उम्मीद करता हु इस आर्टिकल से आपकी जरूर मदद हुई होगी। अगर यह जानकारी आपको पसंद आई है तो आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।
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