Afghanistan Ki Rajdhani Kya Hai:- नमस्कार दोस्तो, क्या आप भी जानना चाहते है Afghanistan Ki Rajdhani Kya Hai तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अफगानिस्तान देश के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले है जैसे अफगानिस्तान की राजधानी कहां है?, अफगानिस्तान की जनसंख्या कितनी है?, अफगानिस्तान की मुद्रा क्या है?
यदि आप भी अफगानिस्तान देश के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जानना चाहते है तो आपको यह लेख पूरा अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए तो चलिए अब जान लेते है अफगानिस्तान की राजधानी कहां है?
अफगानिस्तान की राजधानी कहां है? (Afghanistan Ki Rajdhani Kya Hai)
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) है। यह देश का सबसे बड़ा शहर है। काबुल पूर्वोत्तरी अफगानिस्तान में हिंदुकुश पर्वतारोही इलाके में स्थित है। यह शहर पश्चिमी गटकश और शीर्षशाही सड़क के माध्यम से दूसरे अफगान शहरों जैसे कंधाहार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और बामियां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
काबुल का ऐतिहासिक महत्व बहुत है। इसे लगभग 3,000 साल से भी अधिक समय से बसाया जा रहा है और यह अफगानिस्तान के आधिकारिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र रहा है। काबुल ने इतिहास में कई समयों पर सम्राटों और साम्राज्यों की राजधानी का कार्य निभाया है, जिसमें मौर्य वंश, गुप्त वंश, तुर्क शाही वंश, मोग़ल साम्राज्य और दूसरे मशहूर साम्राज्यों के शासक शामिल हैं।
काबुल अर्थव्यवस्था, व्यापार, शिक्षा, संगठनों का केंद्र, सैन्य और सुरक्षा बेस, और कई पर्यटन स्थलों का मनचाहा स्थल है। यह शहर अफगान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर है जो कई दशकों से विश्व इतिहास के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
काबुल में कई मशहूर ऐतिहासिक स्थल हैं, जैसे कि पासिर-इ-शीरा बाग, बाला हिसार, शुगफ़टा स्तूप, जमी मस्जिद, दरुल अमान पलेस और ताजिक पलेस आदि। काबुल का मौसम ठंडा और खुशगवार होता है, जिसमें गर्मियों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जबकि सर्दियों में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
काबुल अफगानिस्तान की आर्थिक, सांस्कृतिक और शिक्षा की धाराओं में से सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। यहाँ पर अफगानिस्तान की संस्कृति, फ़ूड, कला और बाज़ारों की भावना एकजुट होती है। काबुल अफगानिस्तान का मुख्य वाणिज्यिक और आर्थिक केंद्र है।
अफगानिस्तान का इतिहास
अफगानिस्तान का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह कई हजार वर्षों से विभिन्न संस्कृतियों और वंशवादों का निवास स्थान रहा है। यहां पर मध्य पाषाण कालीन सभ्यता, आर्य, मौर्य, कुषाण, हुण, घोरी, मुग़ल और दूसरे शासकों के शासनकाल में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
अफगानिस्तान की सबसे प्राचीन सभ्यता मध्य पाषाण काल की होती है, जो लगभग 5000 ईसा पूर्व से 2000 ईसा पूर्व तक रही है। इसके बाद वहां पर वैदिक संस्कृति विकसित हुई, जिसे आर्यों ने अपनाया।
मौर्य साम्राज्य के समय में अफगानिस्तान का एक बड़ा हिस्सा इसके शासन में आया। बुद्धधर्म का प्रचार भी इस समय हुआ, और इसके बाद कुषाण साम्राज्य की स्थापना हुई, जो भारतीय उपमहाद्वीप, चीन और पश्चिमी एशिया के बीच व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र बना।
अफगानिस्तान का इतिहास बहुत पुराना है और इसे मध्य एशिया, इरान और भारतीय उपमहाद्वीप के बीच एक अहम केंद्र के रूप में जाना जाता है।
इस राष्ट्र का इतिहास कुछ इस प्रकार है:
– अफगानिस्तान का इतिहास प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक से जुड़ा हुआ है। वेदिक काल में यहाँ वेदी और आर्य जातियों की निवास स्थली थी।
– मौर्य साम्राज्य के शासनकाल में अफगानिस्तान भारत का एक हिस्सा था।
– मध्य एशिया के गुप्त साम्राज्य के शासनकाल में, अफ़गानिस्तान के कुछ हिस्सों का शासन गुप्त साम्राज्य के अधीन था।
– इसके बाद, मध्य एशिया से आए हुए ईरानी और तुर्की जातियों के साथ अफगानिस्तान में कई राजवंश बने।
– 19वीं शताब्दी में, अफगानिस्तान में ब्रिटिश इम्पायर ने अपना प्रभाव बढ़ाया और उसने 20वीं शताब्दी के शुरुआत तक अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों को अपने अधीन कर लिया।
अफगानिस्तान की जनसंख्या और क्षेत्रफल
अफगानिस्तान एक दक्षिण-मध्य एशियाई देश है जो इरान, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, तज़ाकिस्तान, चीन और तुर्कमेनिस्तान से सम्बद्ध है। यह देश संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्य राष्ट्रों में नहीं है।
अफ़ग़ानिस्तान की कुल क्षेत्रफल लगभग 6,52,000 वर्ग किलोमीटर है जो इसे एशिया का चौथा सबसे बड़ा देश बनाता है।
अफ़ग़ानिस्तान की जनसंख्या के बारे में बात करें तो, जनगणना के अनुसार 2021 के अंत तक, अफ़ग़ानिस्तान की आधिकारिक जनसंख्या 3.98 करोड़ है। यह देश अपनी जनसंख्या के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े 40 देशों में से एक है।
अफगानिस्तान की सीमा कितने देशों से लगती है?
अफगानिस्तान की सीमा 6 देशों से लगती है। निम्नलिखित हैं वे देश:
1. पाकिस्तान: पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान की पश्चिमी सीमा पर स्थित है। यह सीमा लंबी है और कुछ स्थानों पर संवादमयी नहर (दुरंत रास्ता) द्वारा विभाजित होती है।
2. ईरान: अफ़ग़ानिस्तान की पश्चिमी सीमा पर ईरान स्थित है। यह सीमा लंबी है और कुछ स्थानों पर पामीर पर्वतमाला से विभाजित होती है।
3. उज़्बेकिस्तान: उज़्बेकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी सीमा पर स्थित है।
4. तज़ाख़िस्तान: तज़ाख़िस्तान भी अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी सीमा पर स्थित है।
5. तज़ीक़िस्तान: अफ़ग़ानिस्तान की पूर्वी सीमा पर तज़ीक़िस्तान स्थित है।
6. चीन: चीन अफ़ग़ानिस्तान की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है। यह सीमा पश्चिमी कश्मीर के पास होती है और अफ़ग़ानिस्तान की सबसे छोटी सीमा है।
अफगानिस्तान का भौगोलिक वर्णन
अफ़ग़ानिस्तान भौगोलिक रूप से एक महत्वपूर्ण देश है जो मध्य एशिया के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 6,52,230 वर्ग किलोमीटर है। यह दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में हिन्दुकुश पर्वतमाला, पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान में हिंडुकुश और पामीर पर्वतमाला से घिरा हुआ है।
देश में पर्वतीय विस्तार के अलावा कई उच्चतम पर्वत शिखर हैं, जैसे कि नोशाख पर्वत (7,492 मीटर), अन्नपूर्णा पर्वत (7,492 मीटर), तिरिच मिर पर्वत (7,708 मीटर) और कोह-ए-बाबा पर्वतमाला (4,864 मीटर)। इसके अलावा देश में कई उपतट और मैदानी क्षेत्र भी हैं, जैसे कि एमु दरिया की घाटी, हेलमंड घाटी और काबुल घाटी।
अफ़ग़ानिस्तान का मौसम विविधताओं का होता है। शीतोष्ण जलवायु होती है, जहां सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे भी जा सकता है। गर्मियों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
अफगानिस्तान की जलवायु
अफ़ग़ानिस्तान की जलवायु उष्णकटिबंधीय (सूखी) और गर्म मध्यावधि (सूखी-शुष्क) होती है। यह देश बारिश के आयाम में अत्यंत विविध है, जिसके कारण प्रदेश के भिन्न भागों में भिन्न प्रकार की जलवायु देखी जा सकती है।
अफ़ग़ानिस्तान में दक्षिणी हिंदुकुश पर्वतमाला पर वर्षा भरने वाली बादल रहते हैं, जिससे पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा होती है। पश्चिमी क्षेत्रों में शीतकालीन तापमान ठंडा होता है और उत्तरी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है।
देश के मध्यावधि और दक्षिणी क्षेत्रों में बाढ़, अर्द्ध-शुष्क और शुष्क जलवायु देखी जाती है। यहाँ के तापमान गर्म और रेखांशीय उष्णकटिबंधीय होता है, औसतन ग्रीष्मकाल में तापमान 30-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
अफ़ग़ानिस्तान में शीत ऋतु कुछ हफ्तों के लिए होती है, जब तापमान बहुत नीचे चला जाता है। यह ऋतु दिसंबर तथा जनवरी में होती है। यह देश भौगोलिक रूप से विस्तृत होने के कारण, वहाँ बड़े तापमान और जलवायु के अंतर के कारण एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में अलग-अलग मौसम होते रहते हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हिस्से में पहाड़ों पर तथा बाढ़ से भरे नदियों के तट पर वर्षा की मात्रा ज़्यादा होती है। जबकि दक्षिणी हिस्से में शुष्कता की समस्या होती है और यहाँ साल भर तापमान अधिक होता है।
अफगानिस्तान में पर्वतमालाएं
अफ़ग़ानिस्तान एक पर्वतीय देश है और यहाँ कई पर्वतमालाएं हैं। यहाँ कुछ प्रमुख पर्वतमालाएं हैं:
1. हिंदुकुश पर्वतमाला:
हिंदुकुश पर्वतमाला एक महत्वपूर्ण पर्वतमाला है जो अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हिस्से से गुजरती है। इसका नाम “हिंदुकुश” संस्कृत शब्द “हिन्दुकुश” से आया है, जिसका अर्थ होता है “हिन्दुओं को धक्का देने वाला”।
हिंदुकुश पर्वतमाला की ऊँचाई समुद्र स्तर से लगभग 7,492 मीटर है। यह दक्षिण एशिया की सबसे ऊँची पर्वतमाला में से एक है। इस पर्वतमाला में कई प्रमुख शिखर हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है तिरिच मिर (तिरिच मिर पहाड़ी) जिसकी ऊँचाई 7,492 मीटर है। इसके अलावा, कुछ अन्य महत्वपूर्ण शिखर हैं जैसे कि कोह-ए-बाबा (4,861 मीटर), अचीन (4,527 मीटर), शाह आसियाल (4,380 मीटर) और कैर्मूरी (4,220 मीटर)।
हिंदुकुश पर्वतमाला अपर्याप्त वनों, घास के मैदानों, गहरे घाटियों, नदीओं, ग्लेशियरों और जलप्रपातों से भरी हुई है। यह पर्वतमाला प्रकृति की आश्चर्यजनक सौंदर्य से भरी हुई है।
2. पामीर पर्वतमाला:
पामीर पर्वतमाला अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में स्थित है। यह एक विशाल पर्वतमाला है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और बेहतरीन दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। पामीर पर्वतमाला को “रूस का चित्रकार” कहा जाता है क्योंकि इसके दृश्य वास्तव में रंगीन और पूरी दुनिया की सबसे खूबसूरत तस्वीरों के समान होते हैं।
पामीर पर्वतमाला का मतलब “बार्फ का गढ़” होता है, क्योंकि यहाँ स्थित चोटियों पर बर्फ और बारिश के निकट बहुत सारे ग्लेशियर्स होते हैं। इस पर्वतमाला की कुछ महत्वपूर्ण झीलें हैं, जैसे कि शिकारदर्गा झील, जर्गुजाब झील, और वाखान झील।
पामीर पर्वतमाला अपनी विशालता, ऊँचाई, गहरे घाटियों, उपजाऊ घास के मैदानों, धाराओं और ध्रुवीय वनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई जानवर जैसे कि बारांगवा, शीर, मार्कोर, स्नो लियोपर्ड और बॉबक घोरण जैसे संरक्षित प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
3. कोह-ए-बाबा पर्वतमाला:
कोह-ए-बाबा पर्वतमाला अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह एक प्रमुख पर्वतमाला है जो अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी राज्यों को मुख्यतः बामियान और मैदान वर्ग तक विभाजित करती है।
कोह-ए-बाबा पर्वतमाला की ऊँचाई समुद्र स्तर से लगभग 4,861 मीटर है। यह पर्वतमाला घने वन, उच्चतम शिखरों, धाराओं और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। कोह-ए-बाबा पर्वतमाला के शीर्ष पर बर्फ चढ़ती है और यह विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जानवरों को आवास प्रदान करता है।
कोह-ए-बाबा पर्वतमाला इतिहास, रंगीन पत्थर, शिखर, धाराएँ, नदियाँ, ध्रुवीय वन और आकर्षक झरने के साथ अपर्याप्त प्राकृतिक सौंदर्य से भरी हुई है। यहाँ पर्यटन के लिए बहुत स्थान हैं जहाँ प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है और ट्रेकिंग, पर्वतारोहण और पिकनिक की गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है।
4. नूरिस्तान पर्वतमाला:
नूरिस्तान पर्वतमाला अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह पर्वतमाला विशालता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
नूरिस्तान पर्वतमाला की ऊँचाई समुद्र स्तर से लगभग 3,000 से 4,500 मीटर तक होती है। इसमें कई उच्च शिखर, धाराएं, घाटियाँ, नदियाँ और ध्रुवीय वन हैं। पर्वतमाला के शिखरों में सबसे प्रमुख हैं नूरिस्तान शिखर जिसकी ऊँचाई लगभग 4,600 मीटर है।
नूरिस्तान पर्वतमाला घने वन, घास के मैदान, फूलों के बगीचे, धाराएं और झरनों से घिरी हुई है। यहाँ कई प्राकृतिक आवासों और जंगली जीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें बारांगवा, शीर, चिता हिरन, बारहसिंगा, लेपर्ड, गोरिल्ला और बंदर शामिल हैं।
नूरिस्तान पर्वतमाला पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ प्रकृति की सुंदरता, ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, पिकनिक, और वन्यजीव सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
5. सूलेमान पर्वतमाल:
सूलेमान पर्वतमाल (Suleiman Range) अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह पर्वतमाला अफ़ग़ानिस्तान की सीमाओं के पास पाकिस्तान की बालोचिस्तान प्रान्त से गुजरती है।
सूलेमान पर्वतमाल एक लंबी पर्वतीय सिरों की श्रृंखला है जो इस क्षेत्र में सबसे प्रमुख है। इसमें कई उच्चतम शिखर, धाराएं, घाटियाँ, और गहरे घाटियों की पहाड़ियाँ होती हैं। सूलेमान पर्वतमाल की ऊँचाई समुद्र स्तर से लगभग 3,500 से 4,000 मीटर तक होती है।
यह पर्वतमाला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहाँ प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है। यहाँ पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, और पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है। सूलेमान पर्वतमाल सुंदर प्राकृतिक दृश्यों, वन्यजीव और पाकिस्तानी और अफ़ग़ानी सीमा के नजदीकी क्षेत्रों के लिए भी प्रसिद्ध है।
अफगानिस्तान की मुद्रा
अफगानिस्तान की मुद्रा अफ़ग़ानी (Afghani) है। अफ़ग़ानी को अंतरराष्ट्रीय मान्यता वाली मुद्राओं में से एक माना जाता है। मुद्रा कोड ISO 4217 के अनुसार “AFN” है। अफ़ग़ानी विभिन्न सिक्कों और नोट्स में उपलब्ध होता है।
एक अफ़ग़ानी 100 पैसे में बंटा हुआ होता है, जिसे पैसे के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। आम तौर पर अफ़ग़ानी के सिक्के मुद्रास्फीत कांच के होते हैं, जबकि नोट्स पेपर पर मुद्रित किए जाते हैं। अफ़ग़ानी के नोट्स की मान्यता के लिए विभिन्न मानकों और सुरक्षा उपायों का उपयोग किया जाता है।
अफगानिस्तान की आर्थिक परिस्थिति
2021 तक, अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक परिस्थिति बहुत कठिन और अस्थिर थी। अफ़ग़ानिस्तान लम्बे समय से युद्ध, आतंकवाद, राजनीतिक अस्थिरता और अर्थव्यवस्था की उबाऊ हालत का सामना कर रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था अधिकतर कृषि पर आधारित है, जिसमें लगभग 80% जनसंख्या गतिविधियों से जुड़ी हुई है। मुख्य फसलें गेहूँ, जौ, चावल, मक्का, आलू, गन्ना और चाय हैं। अफ़ग़ानिस्तान को वनस्पतिक उत्पादों और पाठशाला उत्पादों का निर्यात भी करना पड़ता है।
हालांकि, विवादों, आतंकवाद, और राजनीतिक उथल-पुथल के कारण, अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं रही है। अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन इसकी कम आय पर आधारित है, जो उसकी आय औसत दर से कम है और देश में बेरोजगारी की दर उच्च है।
अफगानिस्तान के लोग किस धर्म को मानते है?
अफ़ग़ानिस्तान में अनेक धर्मों के लोग निवास करते हैं, लेकिन अधिकांशतः अफ़ग़ान आबादी मुस्लिम है। मुस्लिम अफ़ग़ान आबादी के बड़े हिस्से को सुन्नी मुस्लिम कहा जाता है, जो अफ़ग़ानिस्तान की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हालांकि, अफ़ग़ानिस्तान में हज़ारा, उज़बेक, ताजिक, पठान, बालोच, नूरिस्तानी, और अन्य जातियों और नृशंस परंपराओं के सदस्यों जैसे अलग-अलग जातीय और अधीनस्थ धर्मों के लोग भी मौजूद हैं। इसलिए, अफ़ग़ानिस्तान की धार्मिक संघटना व्यापक और विविध है।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संघों की रिपोर्ट्स ने दर्शाया है कि अफ़ग़ानिस्तान में मुस्लिम अधिकारों की पाबंदी की बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, और धार्मिक मित्रता, सहयोग और समझौते की आवश्यकता है। इसके अलावा, हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों के सदस्य भी अफगानिस्तान में देखने को मिलते है।
अफगानिस्तान के बारे में रोचक तथ्य
अफ़ग़ानिस्तान के बारे में कुछ रोचक तथ्य हैं:
1. अफ़ग़ानिस्तान का नाम फारसी शब्द “अफ़्ग़ान” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “अफ़ग़ान जनता”।
2. अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रीय खाद्य पदार्थ “कबुली चना” है, जो कीचड़ी और चावल के साथ परोसा जाता है।
3. अफ़ग़ानिस्तान को “गुल धरिया” कहा जाता है, जो इसके अधिकांश भू-सागरीय शिरोमणि समुद्रों के लिए उद्यानों और बगीचों का रूप है।
4. अफ़ग़ानिस्तान एक दुनिया में सबसे पुरानी नगरी काबुल में स्थित है, जिसका अवस्थित साम्राज्यिक गठन 1500 ईसा पूर्व से पहले हुआ था।
5. अफ़ग़ानिस्तान में कई प्राचीन संस्कृतियाँ हैं, और यह संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। अफ़ग़ानिस्तान में बामियाँ, बुद्धमति, टाक्षशिला, हर्मोनीया, शरिस्तान, आयश्क़ारा और दशत-ए-नादरीया जैसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं।
6. अफगानिस्तान दुनिया के कुछ सबसे ऊँचे पर्वत शिखरों में से एक हिंदुकुश पर्वतमाला को अपने भीतर समेत रखता है।
7. अफगानिस्तान भूटान और नेपाल के बाद दुनिया का तीसरा सबसे अधिक गुरुत्वाकर्षण वाला देश है।
8. अफगानिस्तान को दुनिया का आठवां सबसे बड़ा ऑपियम उत्पादक माना जाता है।
9. अफगानिस्तान एकमात्र एक देश है जो कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा नहीं बना।
10. अफगानिस्तान में दुनिया का सबसे लंबा गुफा है, जिसे स्पीट्स गुफा के नाम से जाना जाता है। इस गुफा की लंबाई 19 मीटर है।
11. अफगानिस्तान में एक प्राचीन शहर है बामियान जहां दुनिया के सबसे ऊँचे बौद्ध मूर्तियों में से कुछ पहाड़ी पर मौजूद हैं।
12. अफगानिस्तान का गुज़रकाल शौरसेनी और मौर्य राजवंशों के साथ जुड़ा रहा है।
13. यहां संगरामाराम और अशोक के स्तंभों के अवशेष मिलते हैं, जो मौर्य साम्राज्य की गरिमा को प्रदर्शित करते हैं।
आखरी शब्द:
दोस्तो आज इस लेख में आपने जाना अफगानिस्तान की राजधानी कहां है? इसके अलावा इस गाइड में हमने आपको अफगानिस्तान देश से जुड़ी और भी कई सारी जानकारी आपको बताई है। हम उम्मीद करते है यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आई होगी। अफगानिस्तान देश के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई है तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और भाई बहनों के साथ जरूर शेयर करे।
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